एक तरफ जहां देश की कई अदालतों में जघन्य अपराधों के मामले की फाइलें वर्षों तक धूल खाती रहती हैं वहीं रेप जैसे घिनौने अपराध के लिए मात्र 10 दिनों में सजा सुना देना एक सुखद व ऐतिहासिक सन्देश है।
यह ऐतिहासिक फैसला दिया है उप्र के प्रतापगढ़ जनपद के पॉक्सो कोर्ट ने, जो आने वाले समय में न्यायिक इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल, यहां के विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो कोर्ट) पंकज कुमार श्रीवास्तव ने 10 दिन के अंदर रेप के आरोपी को सजा सुना दी है।
न्यायाधीश पंकज कुमार ने रेप के आरोपी भूपेंद्र सिंह को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, खास बात यह है कि कोर्ट ने भूपेंद्र सिंह को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई। इसके अलावा दोषी पर 20 हजार का जुर्माना भी ठोंका है।
घटनाक्रम के अनुसार भूपेंद्र सिंह ने 12 अगस्त 2022 को नगर कोतवाली इलाके में 6 साल की मासूम लड़की के साथ बाग में ले जाकर रेप किया। अपराध की सूचना पर पहुंचे ग्रामीणों ने आरोपी भूपेंद्र को मौके पर ही दबोच लिया और पिटाई कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
नगर कोतवाली में 13 अगस्त 2022 को रेप का मुकदमा दर्ज किया गया। 3 सितंबर 2022 को पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी। 3 सितम्बर को ही कोर्ट ने चार्जशीट का संज्ञान लिया व 12 सितंबर से मुकदमे का विचरण शुरू हुआ।
13 सितंबर को साक्ष्य की कार्यवाई शुरू हुई,16 सितंबर तक 8 गवाहों ने मामले में गवाही दे दी। 17 सितंबर को आरोपी भूपेंद्र का कोर्ट में बयान हुआ। 20 सितंबर को मामले में न्यायधीश के समक्ष बहस की कार्यवाई पूरी हुई।
21 सितंबर को आरोपी भूपेंद्र पर दोष सिद्ध हुआ व कल 22 सितंबर को पॉक्सो कोर्ट ने दोषी को आजीवन कारावास (मृत्यु तक) की सजा सुनाई। दोषी भूपेंद्र सिंह किरावा मऊआइमा थाने का रहने वाला है।
सरकारी अधिवक्ता के मुताबिक कोर्ट ने विवेचक की विवेचना से नाराजगी भी जाहिर की। जज ने डीजीपी को पत्र के जरिए विवेचक नगर कोतवाल पर कार्यवाई करने के निर्देश दिए।