उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य सरकार ने प्रदेश के शीर्ष 73 अधिकारियों को लोगों की शिकायतों का समाधान न कर पाने पर नोटिस जारी किया है। जनसुनवाई पोर्टल और सीएम हेल्पलाइन के कार्यों से जुड़े विभागों द्वारा सीएम कार्यालय को भेजी गई गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
आपको बता दें कि जिन अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है, उनमें 10 विभागाध्यक्ष, पांच आयुक्त, 10 जिलाधिकारी, पांच विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष, पांच नगर आयुक्त और 10 तहसीलदार शामिल हैं।
इनके साथ ही तीन एडीजी-आईजी, पांच आईजी-डीआईजी, 10 कमिश्नरेट, एसएसपी व एसपी के साथ ही 10 पुलिस थानों से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। वहीं शासन की ओर से ऐसे कई विभागों की जांच भी कराई गई है जो जनसुनवाई में शिकायतों का निस्तारण करने में विफल रहे हैं।
सबसे खराब प्रदर्शन वाले विभागों में कर्मियों, आयुष, तकनीकी शिक्षा, कृषि विपणन, बुनियादी ढांचे, औद्योगिक विकास, आवास व शहरी नियोजन, व्यावसायिक शिक्षा, नमामि गंगे, ग्रामीण जल आपूर्ति, पर्यावरण और वन विभाग शामिल हैं।
इसी के तहत सीएम ने राज्य के 73 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनसे ड्यूटी में लापरवाही के आरोप पर स्पष्टीकरण मांगा है। नोटिस जुलाई की एक रिपोर्ट के आधार पर जारी किए गए थे।
आपको बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस-प्रशासन समेत सभी विभागों के साथ बैठकें की थीं। इन मौकों पर उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि जन शिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण होने के साथ ही दोनों पक्षों को संतुष्ट किया जाना आवश्यक है। वहीं मुख्यमंत्री की चेतावनियों के बावजूद अधिकारियों और विभागों के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। इसी पर सीएम ने सख्त रुख अपनाने का यह कार्रवाई की है।